जुर्म की दुनिया: आनंदपाल की तरह ही लेडी डॉन को ढूंढती रही पुलिस, अनुराधा चौधरी उर्फ मैडम मिंज के जुर्म की पूरी कहानी

जयपुर. गैंगस्टर आनंदपाल को दबोचने में पूरे राजस्थान की पुलिस लगी रही. यहां तक की बाहरी राज्यों की पुलिस की मदद भी ली, लेकिन हत्थे भी चढ़ा तो करीब दो साल का वक्त लग गया. कमोबेश लेडी डॉन अनुराधा की तलाश भी अपनी पुलिस ने उसी तर्ज पर की, टीमें गठित कर उसकी तलाश में यहां-वहां हाथ-पांव तो मारती रही, लेकिन प्लानिंग आनंदपाल की तरह लचीली और बिना दिशा के रही.
दिल्ली में गिरफ्तार हुए मोस्टवांटेड क्रिमिनल काला जठेड़ी के साथ लेडी डॉन अनुराधा चौधरी भी गिरफ्तार हुई. काला जठेड़ी के साथ गिरफ्तार हुई लेडी डॉन अनुराधा चौधरी जांच अधिकारियों से सिर्फ फर्राटेदार अंग्रेजी में बात कर रही है.
पैसों की तंगी के कारण आनंदपाल का हाथ थामा:
फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली अनुराधा अपनी प्रभावशाली शख्सियत के दम पर ही आनंदपाल के करीब आई थी. दरअसल अनुराधा ने शेयर बाजार में रकम निवेश करने के साथ अपने काम की शुरूआत की थी. शेयर मार्केट में काफी पैसा डूबने के बाद उस पर काफी कर्ज चढ़ गया. पैसों की तंगी के बाद अनुराधा चौधरी गैंगस्टर आनंदपाल के गैंग में शामिल हुई. उसके बाद उसने फिरौती-अपहरण समेत कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया.
सूत्र बताते हैं कि अनुराधा की तलाश में राजस्थान पुलिस करीब एक साल से खाक छान रही थी. तकरीब एक साल पहले कुचामन सिटी में जबरन रंगदारी वसूलने का मामला उसके खिलाफ दर्ज हुआ था.लेडी डान की तलाश की प्लानिंग भी गैंगस्टर आनंदपाल की तरह रही. मजे की बात है कि पुलिस कुछ सुराग पर काम करने के बाद भले ही असफल हो गई हो पर टारगेट की राह उसने वही बनाए रखी. लेडी डान अनुराधा को आनंदपाल के ढेर हो जाने के बाद पुलिस ने हल्के बदमाशों पर सख्ती की तो कुछ महीनों बाद पुलिस निश्चिंत हो गई. आनंदपाल के गुर्गे बाद में अपराध की कमान संभालेंगे, पुलिस ने यह सब सोचा ही नहीं था.
आखिर कैसे एक पढ़ी लिखी लड़की जुर्म की दुनिया में शामिल हुई:
राजस्थान के सीकर के फतेहपुर के अलफसर की गांव की रहने वाली अनुराधा चौधरी पढ़ाई में काफी तेज थी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया कि अनुराधा की माँ की मौत जब वो छोटी थी तभी हो गई थी. उसके पिता सरकारी नौकरी करते थे. एमबीए करने के बाद अनुराधा को दीपक मिंज नाम के एक लड़के से प्यार हुआ. दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन ये दोनों के ही परिवार को मंजूर नहीं था. लिहाज़ा घरवालों की मर्जी के खिलाफ अनुराधा और दीपक ने शादी कर ली. दीपक मिंज का शेयर ट्रेडिंग का काम था.
शादी के बाद अनुराधा भी उसके काम में हाथ बटाने लगी और जल्द ही शेयर मार्केट के उतार चढ़ाव के बारे में उसने सब कुछ सीख लिया. दोनों मिलकर बड़े बड़े बिजनेसमैन की काली कमाई को शेयर के जरिए सफेद करने लगे. लेकिन एक दिन कुछ लोगों का पैसा मार्किट में डूब गया. लोग अपने पैसों के लिए उस पर दवाब बनाने लगे.
आनंदपाल का हाथ थामने के बाद छोड़ा पति का साथ:
इसी बीच साल 2013 में उसकी मुलाकात एक हिस्ट्रीशीटर सुभाष बानूड़ा से हुई और सुभाष ने मैडम मिंज को राजस्थान के एक बड़े गैंगस्टर आंनदपाल सिंह मिलवाया. अनुराधा ने गैंगस्टर आनंदपाल को बताया कि लोग उसे पैसों के लिए परेशान कर रहे है. आंनदपाल ने उसे कहा वो उसकी गैंग में शामिल हो जाए कोई कुछ नहीं कहेगा. अनुराधा को आनंदपाल सिंह की बात समझ आ गई और वो उसकी गैंग में शामिल हो गई. इसके बाद उसने अपने पति का भी साथ छोड़ दिया.
आंनदपाल की गैंग मे मिला नया नाम ‘मैडम मिंज’:
अब अनुराधा चौधरी को एक नया नाम मिला. गैंग के लोग उसे मैडम मिंज कह कर बुलाने लगे. आंनदपाल के गैंग में अनुराधा अब दूसरे नंबर पर आ गई थी. अब उसके धंधे की कमान भी वो संभाल रही थी. गैंग के कई महत्वपूर्ण फैसले भी वो लेने लगी थी. आंनदपाल सिंह के गैंग में रहते हुए ही उनसे हथियार चलना भी सीख लिया. ए के 47 मैडम मिंज को ज्यादा पसंद थी.
लेडी डॉन ने बदला आंनदपाल सिंह का हुलिया:
जानकारी के मुताबिक जब अनुराधा को किसी कारोबारी को धमकाना होता था तो वो ए के 47 चला कर धमकाती थी. इतना ही नहीं उसने गैंगस्टर आंनदपाल सिंह का हुलिया भी पूरी तरह बदल दिया था. उसे एक दम स्टाइलिश बना दिया था. वो सर पर हैट लगाकर चलता था और काले रंग की जैकेट पहनने लगा था.
2006 मे जीवनराम गोदारा हत्या कांड मामला:
राजस्थान के डीडवाना में 27 जून 2006 को एक जीवनराम गोदारा नाम के शख्स की हत्या आनंदपाल सिंह और उसके साथियों ने की थी. इस हत्याकांड ने पूरे राजस्थान में सनसनी फैला दी थी. इस हत्या का मुख्य गवाह जीवनराम गोदारा का भाई इन्द्रचंद्र था. इस गवाह को मैडम ने साल 2014 में किडनैप कर लिया था. और उसे अपने गुर्गों के पुणे लेकर चली गई थी.
इन्द्र चंद्र को एक फ्लैट में रखा गया था उसपर गवाही ना देने का दबाव बनाया जा रहा था तभी एक दिन मौका पाकर गवाह इन्द्र चंद्र ने एक पर्ची पर लिखा कि उसे किडनैप कर लिया गया है उससे मदद की जरूरत है उसने वो पर्ची खिड़की से नीचे फेक दी. तब उस समय लोगों ने उस फ्लैट को घेर लिया था. बड़ी मुश्किल से मैडम मिंज अपने साथियों के साथ जान बचा कर वहां से निकली.
आनंदपाल एनकाउंटर के बाद गैंगस्टर काला जठेड़ी का मिला साथ:
साल 2017 में गैंगस्टर आनंदपाल की एनकाउंटर में मौत हो गई. उसके बाद लेडी डॉन अकेली पड़ गई. गैंग भी टूट गया. काफी समय तक अनुराधा चौधरी फरार रही. अब अनुराधा उर्फ मैडम मिंज ने दामन थामा बदमाश लारेन्स बिश्नोई गैंग का. हालांकि लॉरेन्स जेल में था. अब वो लॉरेन्स बिश्नोई के गैंग साथ काम करने लगी. उसी के साथ काम करते करते मैडम मिंज की मुलाकात हुई गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी से. अब मैडम मिंज काला जठेड़ी के साथ रहने लगी.
शादी की सालगिरह पर सचिन-अंजली को शाही लीची का तोहफा देंगे ‘सुपर फैन’, जानें कौन है ...
Arjun Kapoor की बाहों में Malaika Arora, सात फेरे लेकर हमसफर बनने को तैयार
Gold and Silver Price Today: सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट, जानें आज का भाव
मंत्री पुत्र हाजिर हो! आज रोहित को दिल्ली में होना है पेश, दिल्ली पुलिस ने घर ...