प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने पर CM गहलोत ने साधा निशाना, ट्वीट कर कहा-ऐसा एक तानाशाह सरकार ही कर सकती है

जयपुर. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर हिंसा मामले में राजनीति गरमा गई है. विपक्षी दलों ने प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी देर रात पीड़ित किसानों से मिलने के लिए लखीमपुर रवाना हुईं, लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें सीतापुर के हरगांव में हिरासत में ले लिया. इस पर सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर भाजपा को आड़े हाथों लिया है.
गहलोत ने ट्वीट कर लिखा कि एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी और अन्य नेताओं को उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में लिया है. इसकी मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. वे प्रमुख विपक्षी नेता हैं और लखीमपुर खीरी जिले में कल जो किसान मारे गए उनके परिवारों से मिलने जा रही थीं.
भाजपा सरकार का अमानवीय चेहरा पूरी तरह सामने आ चुका है। किसानों की मांगों को अनसुनी करना, किसान आंदोलन को तोड़ना, उन पर अत्याचार करना और फिर किसी विपक्षी दल को उनके साथ न खड़े होने देना, यह सत्ताधारी दल का लोकतंत्र विरोधी रूप है जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है।
2/2— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 4, 2021
विपक्षी नेताओं को गैरकानूनी तरीके से रोका जाना लोकतांत्रिक मानदंडों के खिलाफ है.किसान शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. पहले किसानों पर भाजपा नेताओं के काफिले की गाड़ियां चढ़ाकर उनको बर्बरता से मार दिया गया, फिर विपक्षी नेताओं को वहां जाने से रोका जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है. प्रियंका जी उन परिवारों के साथ खड़े होने के लिए जा रही थीं. जिन्होंने अपने प्रियजनों को कल की हिंसा में खोया है. इस कर्तव्य निर्वहन के लिए उनको रोकना पूर्णतया अनुचित है.
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री तथा पंजाब के उप मुख्यमंत्री को राज्य में आने से रोका जा रहा है जोकि निंदनीय है। ऐसा केवल एक तानाशाह सरकार ही कर सकती है। क्या यूपी में सत्तारूढ़ भाजपा लोकतंत्र को खत्म कर देना चाहती है?
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 4, 2021
सीएम अशोक गहलोत ने आगे लिखा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और पंजाब के उप मुख्यमंत्री को राज्य में आने से रोका जा रहा है जोकि निंदनीय है. ऐसा केवल एक तानाशाह सरकार ही कर सकती है. क्या यूपी में सत्तारूढ़ भाजपा लोकतंत्र को खत्म कर देना चाहती है? इस तरह नागरिक अधिकारों का हनन संविधान की भावना के भी विपरीत है.
प्रियंका जी उन परिवारों के साथ खड़े होने के लिये जा रहीं थीं जिन्होंने अपने प्रियजनों को कल की हिंसा में खोया है। इस कर्तव्य निर्वहन के लिये उनको रोकना पूर्णतया अनुचित है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 4, 2021
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