राजस्थान में 25 सीटों पर मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब इंतजार 4 जून के नतीजों का इंतजार है. ऐसे में कार्यकर्ताओं हो या खुद कैंडिडेट, हर कोई हार-जीत का विश्लेषण करने में जुटा हुआ है. खास बात यह है कि साल 2014 और साल 2019 से अलग इस बार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में पहली बार राजस्थान में कांग्रेस बढ़त की तरफ दिखाई दे रही है. बांसवाड़ा-डूंगरपुर और नागौर में इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A Alliance) के प्रत्याशियों ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी. जबकि बाड़मेर समेत कई ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस काफी मजबूत दिखाई दे रही है. अब सवाल यही है कि इस बार चुनाव में क्या होने जा रहा है.
राजस्थान तक से जुड़े सीनियर पत्रकार विजय विद्रोही का कहना है कि इस बार राजस्थान में पहले वाली स्थिति नहीं है. ऐसा नहीं है कि सभी सीटों पर बीजेपी बाजी मार रही है. पत्रकार के मुताबिक झुंझुनूं, सीकर और चूरू में कोई एक या दोनों सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है. साफ तौर पर बीजेपी के मिशन-25 इस बार मुश्किल नजर आ रहा है. खास बात यह है कि इसे खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी स्वीकार कर चुके हैं.
सीटों में कटौती की बात को अमित शाह ने भी स्वीकारा
बता दें कि अमित शाह ने बयान दिया है ‘राजस्थान में हमारी एक या दो सीटें कम हो सकती है’. जिसे लेकर वरिष्ठ पत्रकार का कहना है कि उनके इस बयान के बाद लगता है इस बार भाजपा की और सीटें कम हो सकती है. लगता है 2-3 सीटों की बजाय 3 से 4 गुणा कम सीटें हो सकती है. बीजेपी को 16-17 सीटें और 7 से 8 सीटें इंडिया गठबंधन को मिल सकती है.