मुक्ति धाम मुकाम में श्री जांभाणी प्रारंभिक संस्कार वर्ग 2024 के चतुर्थ दिवस के वैशेषिक सत्र में आचार्य स्वामी रामाचार्य जी ने गुरु जम्भेश्वर भगवान द्वारा उच्चारित शबद वाणी की वर्तमान समय के अनुरूप उपयोगिता का उल्लेख करते हुए कहा कि इस ग्रंथ को पंचम वेद की संज्ञा दी जाए तो भी कोई अति शयोक्ति नहीं है ।
आचार्य जी ने शब्द वाणी को जीवन जीने का आधार बताया उन्होंने कहा कि इन शब्दों को अपने जीवन में धारण करने से हमारे जीवन में आए सभी प्रकार के नकारात्मक क्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं ।
इसलिए जीवन में आए दुखों और नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने का कोई साधन है तो यह जम्भेश्वर भगवान द्वारा उच्चारित शब्द वाणी है ।
यह वर्ग मुक्ति धाम मुकाम में जांभाणी संस्कार ज्ञानपीठ द्वारा श्री गंगानगर धर्मशाला में 25 मई से 31 मई 2024 तक संचालित किया जा रहा है । जिसमें संतों के सान्निध्य में बिश्नोई समाज के युवाओं को जांभाणी परंपरा और संस्कारों के साथ साथ योग और खेल की शिक्षा भी दी जा रही है ।
विश्व की सभी समस्याओं का समाधान गुरु जम्भेश्वर भगवान की शब्द वाणी में है :- आचार्य रामाचार्य
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