India-China:अगली बैठक में भारत उठाएगा मुद्दा – पैंगोंग के बाद अब देपसांग की बारी

चीन के साथ पैंगोंग झील (Pangong Lake) समझौते के बाद अब भारत देपसांग क्षेत्र पर बातचीत करने की तैयारी कर रहा है. कमांडर स्तर की बैठक में इस क्षेत्र पर बड़ा फैसला आ सकता है. कहा जा रहा है कि भारत बैठक में देपसांग का मुद्दा उठा सकता है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को जानकारी दी थी कि चीन (China) के साथ पैंगोंग झील इलाके को लेकर समझौता हो गया है. इसी बीच खबरें आई थीं कि इस समझौते के चलते भारत को कैलाश रेंज (Kailash Range) क्षेत्र में कुछ नुकसान उठाना पड़ा है.
राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा था कि पैंगोंग झील पर डिसइंगेजमेंट (Disengagement Process) प्रक्रिया पूरी होने के बाद 48 घंटों के भीतर बैठक होगी. इस बैठक में वरिष्ठ कमांडर मौजूद होंगे. उन्होंने कहा था कि इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच बाकी बचे हुए मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. हालांकि, इस दौरान राजनाथ सिंह ने यह साफ नहीं किया था कि खास किस क्षेत्र को लेकर चर्चा की जाएगी.
वहीं, अधिकारियों ने जानकारी दी है कि देपसांग मैदान या बल्ज इलाके के साथ गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स और चार्डिंग निंगलंग नल्लाह ट्रैक जंक्शन जैसे इलाकों को लेकर सैन्य स्तर पर चर्चा होगी. अधिकारी ने जानकारी दी ‘मौजूदा समझौता पैंगोंग सो के उत्तर और दक्षिण किनारों तक सीमित है.’ उन्होंने कहा ‘देपसांग एक पुराना मुद्दा है. भारतीय सेना के पास उस क्षेत्र के बड़े हिस्से में बीते 10-15 सालों से जाने का रास्ता नहीं है.’
देपसांग में कैसे बिगड़े थे हालात
अधिकारी ने जानकारी दी ‘2013 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के इलाके में हमले के बाद देपसांग में हालात गंभीर हो गए थे. तब इस पर भारतीय प्रतिक्रिया ने PLA के लिए मुश्किलें खड़ीं कर दीं. लेकिन पैंगोंग सो, गलवान और दूसरी जगहों के विपरीत यहां कोई बड़ी उथल-पुथल नहीं हुई थी. ऐसे में तय किया गया था कि बीते साल के मुख्यबिंदुओं के साथ देपसांग से अलग निपटा जाएगा.’ हालांकि, अप्रैल-मई के बाद से ही PLA भारतीय सैनिकों को देपसांग में पेट्रोलिंग पॉइंट्स (PPs)-10, 11, 12, 12A और 13 में जाने से रोक रही है.
दोनों सेनाओं की लोकेशन बदलेगी
पैंगोंग झील पर हुए समझौते के हिसाब से दोनों सेनाएं अग्रिम मोर्चे पर लौटेंगी. इसके बाद चीन की सेना नॉर्थ बैंक में फिंगर 8 की पूर्व दिशा की तरफ होगी. जबकि, भारतीय सेना की टुकड़ियां फिंगर 3 के पास स्थायी बेस धन सिंह थापा पोस्ट पर होंगी. वहीं, दक्षिण किनारे को लेकर भी सेनाएं इसी तरह की कार्रवाई करेंगी. खबरें आती रही हैं कि चीन सीमा पर निर्माण करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, रक्षा मंत्री ने बताया कि 2020 में दक्षिण किनारे पर किए गए सभी निर्माणों को हटाया जाएगा. इसके बाद पुरानी स्थिति दोबारा बहाल की जाएगी.
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