Monsoon 2021: केरल के दक्षिणी हिस्से में मानसून की दस्तक, इस साल 101 फीसदी होगी बारिश

मानसून (Monsoon 2021) ने गुरुवार को केरल (Kerala Monsoon) के दक्षिणी हिस्से में दस्तक दे दी है. हालांकि मानसून दो दिन की देरी से पहुंचा है. लेकिन भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का कहना है कि इस साल अगर मात्रात्मक रूप से बात करें तो 101 फीसदी बारिश होने के आसार हैं. इस साल मानसून सामान्य रहेगा. मौसम विभाग के अनुसार इस साल मानसून का दक्षिण-पश्चिम मानसून के उत्तर व दक्षिण भारत में सामान्य, मध्य भारत में सामान्य से अधिक और पूर्व व पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम रहने का अनुमान है.
इससे पहले आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया था कि दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून-सितम्बर) की वर्षा सामान्य सामान्य दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 96 से 104 प्रतिशत होने की संभावना है. उनके अनुसार मात्रात्मक रूप से देश में मानसून की बारिश के एलपीए के 101 प्रतिशत होने की संभावना है.
केरल में आमतौर पर मानसून एक जून को पहुंचता है. आईएमडी ने इससे पहले मानसून के यहां 31 मई या इससे चार दिन अधिक या पहले पहुंचने का अनुमान लगाया था, लेकिन 30 मई को उसने कहा था कि केरल में अभी मानसून आने की स्थिति नहीं बनी है. फिर गुरुवार को मानसून की दस्तक की बात कही थी.
मौसम विभाग के महानिदेशक ने कहा था कि कर्नाटक तटीय इलाके में चक्रवातीय परिसंचरण से दक्षिण-पश्चिम मानसून का आगे बढ़ना बाधित हुआ है. आईएमडी के अनुसार, केरल के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत तीन मापदंडों पर निर्भर करती है. अगर 10 मई के बाद, 14 स्टेशनों में से 60 प्रतिशत- मिनिकॉय, अमिनी, तिरुवनंतपुरम, पुनालुर, कोल्लम, अल्लपुझा, कोट्टायम, कोच्चि, त्रिशूर, कोझीकोड, थालास्सेरी, कन्नूर, कुडुलु और मैंगलोर में लगातार दो दिन 2.5 मिलीमीटर या उससे अधिक वर्षा होती है तो दूसरे दिन केरल में मानसून की शुरुआत की घोषणा की जाती है, बशर्ते अन्य दो मानदंड भी साथ में हों.
इसे हवा की गति से पूरक होना होगा. वहीं आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन (ओएलआर) अक्षांश 5-10 डिग्री उत्तर और देशांतर 70-75 डिग्री पूर्व तक सीमित बॉक्स में 200 वाट प्रति वर्ग मीटर (डब्ल्यूएम-2) से कम होना चाहिए.
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