जानिए क्या है वह सीक्रेट मैसेज जो लिखा था नासा के रोवर पैराशूट में

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) का पर्सिवियरेंस रोवर (Perseverance Rover) मंगल ग्रह (Mars) पर पहुंच चुका है. मंगल ग्रह पर इस रोवर से वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को बहुत उम्मीदें हैं. पर्सवियरेंस की लैंडिग के समय जो विशाल पैराशूट (Giant Parachute) उपयोग में लाया गया था. उसमें एक सीक्रेट मैसेज (Secret Message) भी था. जिसे स्पेस फैंस ने कुछ ही देर में डिकोड भी करके दिखा दिया. इसके साथ ही रोवर के पैराशूट में एक खास जीपीएस लोकेशन (GPS location) भी बनाई गई थी.
किसने लिखा यह संदेश
यह खास पहेली नासा की पर्सिवियरेंस रोवर की टीम के एक सदस्य ने लिखी थी. सिस्टम इंजीनियार इयान क्लार्क ने एक बाइनरी कोड से पैराशूट के नारंगी और सफेद रंग की पट्टियों में तीन शब्दों का संदेश लिखा था. क्लार्क ने इस पैराशूट में पर्सिवियरेंस रोवर के कैलीफोर्निया के पैसाडेना स्थित नासा की जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी के हेडक्वार्टर के जीपीएस कोऑर्डेनेट्स भी लिख दिए थे.
क्या संदेश था वह
क्लार्क क्रॉसवर्ड का शौक रखते हैं और दो साल पहले ऐसा संदेश लिखने का विचार उनके दिमाग में आया था. इंजीनियर एक खास नायलोन फैब्रिक के पैटर्न के जरिए यह जानना चाहते थे कि मंगल पर उतरने के दौरान पैराशूट कैसा रहता है. इसके साथ ही इस पैराशूट के कपड़े पर क्लार्क ने लिखा “डेयर माइटी थिंग्स” यानि शक्तिशाली काम करने का साहस.
केवल छह ही लोग जानते थे इस मैसेज को
क्लार्क ने यह भी बताया कि इस कोडेड मैसेज के बारे में केवल छह लोग ही जानते थे. उन्होंने तब तक इंतजार किया जब तक कि मंगल से इस पैराशूट की तस्वीरें पृथ्वी तक वापस नहीं आ गईं. इसके हाद इसे सोमवार को टेलीविजन की न्यूज कॉन्फ्रेंस में जारी किया गया. क्लार्क ने कहा कि स्पेस फैंस को इस संदेश का पता लगाने में कुछ ही घंटे लगे.
कहां से ली गई यह पंक्ति
क्लार्क का कहना है कि अगली बार उन्हें और भी ज्यादा रचनात्मक होने की जरूरत होगी. डेयर माइटी थिंग्स अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट की पंक्ति हैं जो अभी जोपीएल का मंत्रा है और सेंटर की बहुत सी दीवारों पर लिखा हुआ है. क्लार्क के अनुसार उनका इरादा कोडिंग करने का जरूर था लेकिन वे इसे बहुत जाहिर नहीं बनाना चाहते थे.
और भी सरप्राइज हो सकते हैं
पर्सिवियरेंस रोवर के पैराशूट पर जो जीपीएस कोऑर्डिनेट्स अंकित किए गए हैं. वे वास्तव में नासा के जेपीएल विजिटर सेंटर के प्रवेश द्वार से 3 मीटर अंदर के स्थान के हैं. पर्सिवियरेंस रोवर के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर मैट वालेस का कहना है कि एक बार पर्सिवियरेंस की भुजा सक्रिय होकर आसपास की तस्वीरें भेजना शुरू करेगी तो कुछ और ही सरप्राइज देखने को मिल सकते हैं.
नासा के पर्सिवियरेंस रोवर से वैज्ञानिकों को बहुत उम्मीदें हैं. वह ऐसे बहुत से प्रयोग करेगा जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि मंगल पर मानव अभियान को लेकर आने वाली चुनौतियों से कैसे निपटा जा सकता है. इसके अलावा यह मंगल से मिट्टी के नमूने भी जमा करेगा जो बाद में पृथ्वी पर लाए जाएंगे.
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