तीनों सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के बीच RLP का पेंच…इस बार बदलेगा सीटों का गणित

प्रदेश की 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तस्वीर नाम वापसी के अंतिम दिन काफी हद तक बदल गई। अब तीनों सीटों पर 27 उम्मीदवार मैदान में हैं। तीनों सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के अलावा सांसद हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी ने भी प्रत्याशी उतारे हैं। माना जा रहा है कि इन तीनों सीटों पर आरएलपी के प्रत्याशी दोनों ही प्रमुख दलों के लिए उनके गणित बिगाड़ने वाले साबित हो सकते हैं.
सहाड़ा भाजपा को अपनों से डर:
भीलवाड़ा की सहाड़ा सीट पर उपचुनाव के लिए अब 8 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें भाजपा के रतनलाल जाट और कांग्रेस की ओर से दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री देवी त्रिवेदी मैदान में हैं. सहाड़ा में भाजपा ने जाट उम्मीदवार की टक्कर में आरएलपी ने भी बद्रीलाल जाट को उतार दिया. दोनों के जाट वोटों के बंटवारे का फायदा कांग्रेस उठाने की कोशिश करेगी. भाजपा को दूसरा खतरा नाराज लादूलाल पीतलिया के नाम वापसी प्रकरण का भी हो सकता है.
पीतलिया की कुछ समय पहले ही भाजपा में कांग्रेस से घर वापसी हुई थी। लेकिन टिकट नहीं मिलने से नाराज पीतलिया ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया था. इसके बाद भाजपा पर दबाव बनाकर पर्चा वापस दिलाने के आरोप लगे और उन्होंने नाम वापस ले लिया. अब इस प्रकरण के बाद मतदान के दिन तक भाजपा इन स्थितियों को फिर कैसे सामान्य बना पाएगी, हार-जीत का फैसला इस बात पर भी निर्भर करेगा.
सुजानगढ़ आरएलपी प्रत्याशी बिगाड़ेगा गणित:
चूरू की सुजानगढ़ विधानसभा सीट के लिए 9 प्रत्याशी मैदान में हैं. यहां भाजपा और कांग्रेस के अलावा आरएलपी ने भी प्रत्याशी उतारा है. नायक समाज के सीताराम नायक हर बार निर्दलीय चुनाव लड़कर यहां से 5 से 6 हजार वोट बटोरते रहे हैं. इस बार उन्हें आरएलपी से टिकट दे दिया गया है. भाजपा ने पूर्व विधायक खेमाराम मेघवाल और कांग्रेस ने दिवंगत विधायक व मंत्री रहे भंवरलाल मेघवाल के बेटे मनोज मेघवाल को उम्मीदवार बनाया है. दोनों के बीच सीधी टक्कर को आरएलपी के नायक ने रोचक मोड़ दे दिया है.
यहां से एक बार भी कोई चेहरा दूसरी बार चुनाव नहीं जीता है. सुजानगढ़ ऐसी सीट है, जहां आरएलपी उम्मीदवार हवा का रुख ही बदल सकता है. भाजपा को सबसे बड़ा खतरा इसी से लग रहा है. सुजानगढ़ में बेरोजगारों की ओर से चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी ने भी नाम वापस ले लिया है. कांग्रेस ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि शुक्रवार देर रात सरकार की बेरोजगारों की मांगों के संबंध में बात होने के बाद प्रत्याशी ने नाम वापस ले लिया है.
राजसमंद भाजपा के गढ़ में कांग्रेस को आस:
नाम वापसी के बाद राजसमंद में 10 उम्मीदवार मैदान में डटे हैं. यहां सीधे तौर पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला है. आरएलपी भी यहां से जोर आजमाइश में लगी है. भाजपा ने दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने नए चेहरे के रूप में तनसुख बोहरा को मैदान में उतारा है. तनसुख ने कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान लोगों की मदद की थी, तब से यहां लोग उन्हें जानने लगे हैं.
दो वैश्य उम्मीदवारों के बीच गुर्जर समाज के वोटों में सेंध लगाने के लिए ही आरएलपी ने प्रहलाद खटाना को अपना उम्मीदवार बनाया. राजसमंद में पहली बार उपचुनाव हो रहे हैं. यहां बीते दो दशक से कांग्रेस को जीत नहीं मिल पाई है. पहली बार पार्टी यहां से जीत के सपने देख रही है. जबकि भाजपा की दिवंगत विधायक तीन बार यहां से विधायक रहीं. उनके निधन से खाली हुई सीट पर बेटी क्या परिणाम लाएगी, यह दो मई को आने वाले परिणाम से ही पता चल सकेगा. इस उपचुनाव में बीजेपी के बागी गिरिराज कुमावत ने दीप्ति माहेश्वरी के समर्थन में नामांकन वापस लिया है. इसका फायदा भी भाजपा को होगा.
तीनों सीटों से आरएलपी के पूरी तैयारी के साथ उतरने से इतना तो तय है कि इस बार RLP काफी हद तक बदलाव ला सकती है. आरएलपी के प्रत्याशी दोनों ही प्रमुख दलों के लिए उनके गणित बिगाड़ने वाले साबित हो रहे हैं.
Gold and Silver Price Today: सोना में बढ़ोतरी, चांदी की कीमतों में गिरावट…जानें आज का भाव
Kanika Kapoor Wedding: एक दूजे के हुए कनिका कपूर-गौतम, जोड़े में दिखी स्ट्रांग बॉडिंग
Rajasthan Weather Update: प्रदेश में बदलेगा मौसम का मिजाज, गर्मी से मिलेगी राहत…48 घंटे बाद होगी ...
Navjot Singh Sidhu: एक साल के लिए जेल गए सिद्धू, पटियाला कोर्ट में किया सरेंडर…जानें जेल ...