स्वार्थ के लालच में दांव पर बच्चो की जिंदगी, स्कूल संचालक चला रहा था खुलेआम स्कूल

दातारामगढ़. एक तरफ जहाँ सम्पूर्ण विश्व वैश्विक महामारी कोरोना से झूझ रहा है तो देश और प्रदेश की सरकारें देशवाशियो की जान बचाने में लगी हुई है. वहीँ राजस्थान के सीकर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है. जो आप लोगो के रोंगटे खड़े कर देगा सरकार के नुमाइंदे सोचने पर मजबूर हो जायेंगे. लेकिन सरकार के कुछ पैसो के लालची लोग ही सरकार के माथे पर मौत का कलंक लगाने पर उतर जाये तो अच्छे-अच्छे कलमकारों की कलम भी खून के आंसू रोने लग जाती है. जब चंद पैसो के स्वार्थ के लालच में मासूम बच्चो की जिंदगी दांव पर लगा दी.
हाँ आपने सही सोचा महज चंद पैसो के लालच में एक स्कुल संचालक छोटे छूटे मासूम बच्चो की जिंदगी को दांव पर लगा दी. मामला सीकर जिले के दातारामगढ़ उपखण्ड के डिंगपुर गांव है. जहां पर ज्ञानदीप स्कुल के संचालक ने ऐसी करतूत की करके विद्या के मंदिर मौत का कुआ बनने में कोई कसर नहीं छोड़ी. और उसकी इस काली करतूत में लगातार एक साल से सरकार के नुमाइंदे साथ दे रहे है. मामला पिछले साल 2020 मे लगे सम्पूर्ण लॉकडाउन का है जब केंद्र और राज्य सरकार ने सभी को कोरोना से बचने के लिए अपने घरो में रहने की सलाह देते हुए सम्पूर्ण देश को ताले में बंद कर दिया था. ये सोचे बिना की देश के अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा उसी समय उक्त स्कुल के लालची संचालक ने अपनी अर्थव्यवस्था को बचने के लिए मासूम बच्चो की जिंदगी दांव पर लगा दी और स्कुल को नियमित जारी रखा.
वह दिन था 16 सितंबर 2020 का जब हमारी टीम में ज्ञानदीप स्कूल में दो बच्चों के एडमिशन करवाने के बहाने से विद्यालय प्रांगण में दाखली हुई थी, उस दौरान हमारी मुलाकात इस स्कुल के स्टाफ के एक कर्मचारी से हुई. उन्होंने स्कूल विजिट करवाई. आपको ज्ञात होगा कि गत सितंबर माह में संपूर्ण देश में लॉकडाउन लगा हुआ था. और स्कूल कॉलेज सब कुछ बंद था. ऐसे में हमारे हिडन कैमरे में कुछ ऐसा कैद हो गया जो आपके रोंगटे खड़े कर देगा.
इस संपूर्ण प्रकरण का जब हमने जिम्मेदार लोगों से जवाब लेने की कोशिश की तो वे इससे बचते हुए नजर आए वही जब इसकी शिकायत राजस्थान संपर्क पोर्टल पर की गई तो वहां पर भी इस शिकायत को आज दिनांक तक पेंडिंग ही रखा हुआ है. जबकि पिछले नवंबर माह में स्कूल की इस करतूत को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी सीकर ने एक कमेटी का गठन किया था. जानकारी के अनुसार उस कमेटी की अभी तक कोई भी बैठक नहीं हुई और ना ही रिपोर्ट पेश की
अब आप सोच रहे होंगे की ऐसे दिलेर संचालक कौन है. जो सरकार के आदेशों को ताक में रखकर लगातार विभाग के सामने अपनी दादागिरी दिखाता आ रहा है. ये स्कुल है सीकर जिले के दातारामगढ़ ब्लॉक पंचायत समिति पलसाना के धींगपुर गांव में स्कुल का नाम है. ज्ञानदीप शिक्षण संस्थान और इसके संचालक है सुवालाल बाजाडोलिया ये महोदय एक सरकारी स्कुल के अध्यापक भी है. और इनकी पोस्टिंग अभी बांसड़ी कला निमेड़ा PEEO जीण माता में है.
विभाग के आकाओं के मेहरबानी के चलते इनको धींगपुर ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले सरकारी विद्यालय में डेपुटेशन पर ही लगा रखा है. यही से इन महाशय की काले कारनामे शुरू होते है. जिनका विभाग को पता भी है. लेकिन फिर भी विभाग अपनी आँखे बंद करके ऐसे बैठा है. जैसे कुछ हो ही नहीं रहा अब विभाग चुप क्यों बैठा इसका केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है. ये इन महोदय के सरकारी स्कुल में कोई छात्र प्रवेश लेने की आता है. महोदय उक्त छात्र का माइंड वास् करके अपने स्कुल में एडमिशन लेने के लिए तैयार कर लेते है. ऐसे में सरकारी स्कुल में छात्रों की दिन प्रति दिन कम होती जा रही है. और इनके स्कुल में बढ़ती जा रही है. यह उक्त सरकारी विद्यालय में विद्यार्थियों को नए जोड़कर अपने निजी स्कूल में विद्यार्थियों को जोड़ रहे हैं. तथा अपने निजी विद्यालय का प्रचार लगातार कर रहे हैं. श्रीमान सुवालाल बाजरो लिया ज्ञानदीप सीनियर सेकेंडरी स्कूल धींगपुर का प्रचार निरंतर करते रहते हैं.
सूबे की सियासत पर यह करारा तमाचा है. कि जब एक साधारण शिक्षक अपनी लालची हरकतों की वजह से पूरे सूबे की शिक्षा विभाग को बदनाम करने पर तुला हुआ है. वहीं सोचने की बात यह भी है कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से पीछे क्यों भाग रहे हैं.अब मसला यह है क्या जिम्मेदार अपनी इस जिम्मेदारी निभा पाएंगे या फिर लालची संचालक जिम्मेदारों को चंद पैसे का लालच देकर इनकी जिम्मेदारी का कितना मोल लगा पाता है.
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