ममता के गोत्र कार्ड पर बोले ओवैसी – हम जैसों का क्या, जो न शांडिल्य और न जनेऊधारी?
West Bengal Assembly Elections 2021: पश्चिम बंगाल की 30 सीटों पर 1 अप्रैल को दूसरे फेज के तहत मतदान है. इसमें ममता बनर्जी की हाईप्रोफाइल सीट नंदीग्राम भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने मंगलवार को चुनाव प्रचार खत्म करने से पहले गोत्र कार्ड खेला. जिसे लेकर अब राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है. बीजेपी नेताओं के हमले के बीच एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की भी एंट्री हो गयी है. ओवैसी ने भी ममता बनर्जी पर अपना गोत्र बताने को लेकर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा है कि मेरे जैसे लोगों का क्या होना चाहिए जो न तो शांडिल्य (Shandilya Gotra) हैं और न ही जनेऊधारी.
ओवैसी का आरोप है कि हर पार्टी अपना हिंदू चेहरा दिखाने में लगी है. ओवैसी ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘मेरे जैसे लोगों का क्या होना चाहिए जो न शांडिल्य हैं और न ही जनेऊधारी. जो न तो किसी खास भगवान का भक्त है और न ही चालीसा या कोई और पाठ करता है. हर पार्टी जीतने के लिए हिंदू कार्ड खेलने में लगी है. अनैतिक, अपमानजनक और यह सफल नहीं होगा.’

ओवैसी का ट्वीट.
ममता ने क्या कहा था?
नंदीग्राम में ममता बनर्जी ने कहा- ‘चुनाव प्रचार करते वक्त में एक मंदिर गई. वहां पुजारी ने मुझसे मेरा गोत्र पूछा. मैंने उन्हें बताया कि मेरा गोत्र मां, माटी और मानुष है. इस घटना के बाद मुझे त्रिपुरा के त्रिपुरेश्वरी मंदिर का वाकया याद आ गया. वहां भी पुजारी ने मुझसे मेरा गोत्र पूछा था और मैंने यही जवाब दिया था, लेकिन मैं आज सभी को बता रही हूं कि मेरा असल गोत्र शांडिल्य है.’
गिरिराज सिंह ने किया था पलटवार
उधर, ममता के बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार किया. उन्होंने कहा- ‘मैं गोत्र लिखता हूं, मुझे कभी बताने की जरूरत नहीं पड़ी. ममता बनर्जी चुनाव हारने के डर से गोत्र बता रही हैं.’ उन्होंने ममता से सवाल किया कि आप मुझे बात दीजिए कि कहीं रोहिंग्या और घुसपैठियों का गोत्र भी शांडिल्य तो नहीं है.
दिलीप घोष ने भी कसे तंज
बंगाल में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी अलग अलग समय पर अपना गोत्र बदलती रहती हैं. कभी उनका गोत्र भारतीय होता तो तो कभी शांडिल्य और अब उन्होंने अपना गोत्र मां, माटी, मानुष बताया है. ऐसे में पहले ममता को तय कर लेना चाहिए की उनका गोत्र है क्या?
नंदीग्राम में राष्ट्रगान के लिए व्हीलचेयर से उठ खड़ी हुईं ममता
नंदीग्राम में मंगलवार को प्रचार के आखिरी दिन ममता बनर्जी प्लास्टर बंधे पैर के साथ करीब 20 दिन बाद व्हीलचेयर से उठ खड़ी हुईं. दरअसल, नंदीग्राम के तेंगुआ में एक रैली के दौरान राष्ट्रगान की तैयारी चल रही थी. इसी दौरान उनके सहयोगियों ने उन्हें खड़े होने का सुझाव दिया. पहले तो ममता ने खड़े होने में असहजता दिखाई, लेकिन बाद में कुछ लोगों के सपोर्ट से वह खड़ी हुईं और राष्ट्रगान गाया.
बता दें कि 10 मार्च को नंदीग्राम में नामांकन दाखिल करने के बाद उनके पैर में चोट लगी थी. ममता ने बीजेपी के लोगों पर कथित तौर पर हमले का आरोप लगाया था. तीन दिन इलाज के बाद अस्पताल से निकलकर वो व्हीलचेयर पर ही प्रचार के लिए निकल पड़ी थीं.
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