राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे है। हाल ही में संविदा के रूप में ली जा रही सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवा समाप्त की थी। अब राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर सभी मनोनीत पार्षदों को मनोनयन निरस्त कर दिया है। इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं।
बता दें इससे पहले भी राजस्थान सरकार ने हाल ही में संविदा के रूप में ली जा रही सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवा समाप्त की थी। अब राज्य सरकार ने मनोनीत पार्षदों को मनोनयन निरस्त किया है। इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी किए हैं।
इस नियम के तहत पार्षदों को निरस्त किया गया
विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव हृदेश कुमार शर्मा की ओर जारी आदेश में बताया कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 6 की उपधारा (1) के खण्ड (क) के परन्तुक (ii) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार राज्य की समस्त नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पालिकाओं में मनोनीत किए गए सदस्यों (सहवृत) को एतद् द्वारा तत्काल प्रभाव से उनका मनोनयन निरस्त किया जाकर उन्हें (सहवृत) सदस्य से हटाया जाता है।
सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवा समाप्त
गौरतलब है कि स्वायत्त शासन विभाग ने संविदा के रूप में ली जा रही सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी थी। इनमें सेवानिवृत आरएएस, लेखाधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे। विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव हृदेश कुमार शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे।
विदित है कि राज्य सरकार के इस बड़े फैसले से पूरे प्रदेश में हड़कंप मचने वाला है। हाल ही में इसी विभाग ने कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी की सेवा को खत्म करने का आदेश जारी किया था।