जयपुर शहर की म्यूजियम रोड स्थित एक मंदिर में मूर्तियों व कृष्णानंदजी की तस्वीर पर चंदन लगाने से जुड़े केस में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने पक्षकारों को मंदिर परिसर में 25-25 पेड़ लगाते हुए उनकी देखभाल केस निपटारे तक करने के लिए कहा है।वहीं हर साल जुलाई महीने में पेड़ों की देखभाल के फोटोज कोर्ट में भी पेश करने का निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने से पक्षकारों की भगवान और प्रकृति के प्रति आस्था भी बढ़ेगी।कोर्ट ने कहा कि किसी को मूर्ति या प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं है और ना ही किसी को मंदिर में पूजा से रोका जा सकता है। प्रतिमा पर मिलावटी दूध, दही, कुमकुम या गुलाल चढ़ाने की मंजूरी भी नहीं दे सकते और चंदन की बजाय पेंट लगाने के लिए भी नहीं कहा जा सकता। जस्टिस अनूप ढंड ने यह निर्देश भानूप्रकाश शर्मा व अन्य की याचिका का निपटारा करते हुए दिया।दरअसल याचिका में कहा था कि म्यूजियम रोड स्थित शिव मंदिर में स्वामी कृष्णानंदजी की फोटो पर वे करीब तीन दशक से चंदन लगाते हैं और उस पर नाम लिखते हैं, लेकिन अब उसे ऐसा करने से रोका जा रहा है जिससे कि उसकी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं।इसके जवाब में मंदिर ने कहा कि उसे पूजा से नहीं रोका गया है, लेकिन वे धार्मिक भावना की आड़ में मंदिर की प्रतिमा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कोर्ट ने पक्षकारों को सुनकर माना कि मंदिर प्रतिमा को नुकसान नहीं किया जा सकता, लेकिन पूजा से भी पाबंद नहीं कर सकते। ऐसे में दोनों पक्षकार केस तय होने तक मंदिर परिसर में पेड़ लगाकर उनकी देखभाल करें।