राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में 3 साल बाद एक बार फिर चुनावी बिगुल बज चुका है। आरसीए कार्यकारिणी के लिए 26 सितंबर को नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। वही इसके बाद स्क्रुटनी की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही 29 सितंबर को प्रत्याशियों की फाइनल लिस्ट जारी होगी जिसके बाद 30 सितंबर को सुबह वोटिंग और उसके बाद काउंटिंग की प्रक्रिया होगी। RCA की ओर से इस बार राम लुभाया को चुनाव अधिकारी बनाया गया है। हालांकि अब तक राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन ने आधिकारिक तौर पर चुनाव का ऐलान नहीं किया है।
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में फिलहाल सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की अध्यक्षता में चुनी गई कार्यकारणी सत्ता में है। ऐसे में माना जा रहा है वैभव गहलोत दोबारा चुनाव मैदान में उतरेंगे। वहीं वैभव गहलोत के सामने अब तक कोई भी पदाधिकारी खुलकर चुनावी मैदान में नहीं आया है। ऐसे में 20 सितम्बर बाद ही RCA की चुनावी तस्वीर साफ हो सकती है।बता दें कि RCA की मौजूदा कार्यकारिणी का कार्यकाल 4 अक्टूबर को पूरा होने जा रहा है। तीन साल पहले 4 अक्टूबर 2019 में वैभव गहलोत ने आरसीए अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था। तब उन्होंने रामेश्वर डूडी ग्रुप को चुनाव हराया था। वैभव गहलोत ने आरसीए में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को संरक्षक बनाया था।
वहीं मौजूदा कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष अमीन पठान, सचिव महेन्द्र शर्मा, कोषाध्यक्ष कृष्ण निमावत, संयुक्त सचिव महेन्द्र नाहर और कार्यकारिणी सदस्य देवाराम चौधरी हैं। मौजूदा कार्यकारिणी में से कुछ सदस्यों के दोबारा चुनाव लड़ने पर अभी असंमजस की स्थिति बनी हुई हैं। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस आरएम लोढा समिति की शिफारिशों को लागू किया गया था।लोढा समिति की सिफारिशों के अनुसार राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई स्तर के पदाधिकारियों को छह साल के कार्यकाल के बाद तीन साल के ब्रेक से गुजरना होगा। इस नियम की वजह से राज्य संघ के कुछ पदाधिकारी भी इस दायरे में आते हैं। लिहाजा उन्हें भी कूलिंग पीरियड में जाना पड़ सकता है।
पिछले दिनों में बीसीसीआई ने अपने प्रस्तावित संशोधन में अपने पदाधिकारियों के लिए कोर्ट से ब्रेक टाइम को खत्म करने की मंजूरी मांगी थी ताकि मौजूदा कार्यकारिणी को छह साल बाद भी पद पर बने रहने का मौका मिल सके। इस मामले में कोर्ट के निर्णय पर अब आरसीए के पदाधिकारियों की निगाहें टिकी हुई हैं।