ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे नरेगा अभियान की तर्ज पर राजस्थान में शहरों में भी अभियान की शुरूआत हो गई है। सबसे पहले महिलाओं को जॉब कार्ड बांटे गए। दरअसल, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के नाम शुरू की इस योजना में पहले दिन प्रदेशभर की 200 से ज्यादा नगरीय निकायों में 2.25 लाख लोगों को जॉब कार्ड जारी किए जा रहे हैं। इस अभियान में शहरी बेरोजगार परिवारों को साल में 100 दिन का रोजगार मिलेगा।इस दौरान अशोक गहलोत ने कहा- जो अधिकार कर्मचारी प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे देने में आनाकानी करता है। पार्षद मेयर सहित दूसरे जनप्रतिनिधि अधिकारियों की सूची तैयार करके हमें भिजवाए। हम ऐसे अधिकारियों के खिलाफ बर्खास्त करने की भी कार्रवाई करें। सरकार ने लोगों को किसी भी तरह से के मकानों का पट्टा मिल सके। इसके लिए हमने हर तरह से संशोधन कर दिया है।गहलोत ने रेवड़ियां बांटने के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर चुटकी ली। उन्होंने कहा- हमने जोहरी बाजार में ठेले पर बिकती देखी हैं। जनता को मुफ्त इलाज और रोजगार देना रेवड़ियां नहीं सरकार की जिम्मेदारी है।
मोदी से भाइचारे की अपील करने के लिए कहा
गहलोत ने कहा- मैं चाहता हूं मोदी जी अपील करो। सभी लोग प्यार, मोहब्बत, भाईचारे, विश्वास से रहें। तब देश मजबूत होता है। मैं हिंसा बर्दाश्त नहीं करूंगा। सब लोग प्यार मोहब्बत से रहें। इसमें क्या दिक्कत है।वहीं, इस कार्यक्रम में मेयर सोम्या गुर्जर, विधायक नरपत सिंह, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। मंत्री प्रताप सिंह और लालचंद कटरिया भी नहीं आए। कांग्रेस विधायक गंगादेवी भी नहीं पहुंची।
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस अभियान की शुरुआत जयपुर में आगरा रोड स्थित खानिया की बावड़ी में श्रमदान करके की। इस मौके पर गहलोत ने रजिस्टर्ड लोगों को जॉब कार्ड भी दिए। काम के लिए औजार भी उपलब्ध करवाए। हालांकि इस सरकारी कार्यक्रम से पहले इस पर राजनीति भी देखने को मिली। जयपुर नगर निगम ग्रेटर और जयपुर नगर निगम हैरिटेज एरिया के 10 विधानसभा के 8 विधायकों का नाम निमंत्रण में विशेष अतिथि के रूप में लिखा गया, लेकिन 2 विधायकों सतीश पूनिया और नरपतसिंह राजवी के अलावा नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर इसमें जगह नहीं दी।योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को साल में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रुपए का बजट रखा है। इसमें एक व्यक्ति को प्रतिदिन 259 रुपए मजदूरी के तौर पर दिए जाएंगे और 8 घंटे काम करना होगा।