राजस्थान के करोड़ों लोगों के लिए अच्छी खबर है. इसी विधानसभा सत्र (Rajasthan assembly session) से प्रदेशवासियों को राइट टू हैल्थ (Right to Health) का अधिकार मिलने की पूरी संभावना है. राज्य सरकार (State Government) इसी सत्र में विधानसभा में बिल पेश कर सकती है. बिल में स्वास्थ्य प्रदाता के अधिकार-कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं. लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार देने के साथ ही कर्तव्यों (Duties) को भी रेखांकित किया गया है.स्वास्थ्य विभाग ने मार्च में राइट टू हैल्थ बिल का ड्राफ्ट जारी कर आपत्तियां और सुझाव मांगें थे. राज्य के कई क्षेत्रों से विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों ने ड्राफ्ट को लेकर अपने सुझाव दिए थे. विधि विभाग की ओर से फिलहाल इसका परीक्षण किया जा रहा है. एक्ट से जुड़े कुछ भाषाई बदलावों के बाद इसे इसी विधानसभा सत्र के दौरान पेश किये जाने की पूरी संभावना है.
राइट टू हैल्थ बिल के ड्राफ्ट में ये हैं प्रावधान
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार ड्राफ्ट में लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार देने के साथ ही कर्तव्यों को भी रेखांकित किया गया है. इसके अलावा स्वास्थ्य प्रदाता के भी अधिकार और कर्तव्य तय किए गए हैं. इस बिल के अनुसार प्रदेश के सभी लोगों को स्वस्थ रहने सबंधी सभी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार होगा. सभी अस्पतालों में निःशुल्क परामर्श, दवाइयां, जांच, आपातकालीन वाहन सुविधा, आपातकालीन चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने का अधिकार होगा.
निजी अस्पतालों में रियायती दर पर इलाज का अधिकार
स्वास्थ्य विभाग में अतिरिक्त निदेशक डॉ.सुशील परमार ने बताया कि पूरी उम्मीद है कि इसी सेशन में बिल पेश कर दिया जाए. इस बिल में रियायती दर पर स्थापित निजी अस्पतालों में रियायती दर की नियम/शर्तों के अनुसार इलाज का अधिकार होगा. सभी अस्पतालों को मरीज की सहमति लेनी होगी. राइट टू हैल्थ बिल के ड्राफ्ट में लोगों के कर्तव्य भी निर्धारित किए गए हैं. मरीज और परिजन किसी भी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के साथ दुर्व्यवहार नहीं करेंगे. किसी भी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता को शारीरिक हमले और उसकी सम्पत्ति को नुकसान करने से बचना होगा.