राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस दावें को खारिज कर दिया है कि जिसमें कहां गया था कि हीटवेव से कोई प्रदेश में कोई मौत नहीं है। हीटवेव से हो रहीं मौतों पर राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वप्रसंज्ञान लेते हुए केंद्र व राज्य सरकार को मुआवजा देने को निर्देश दिए हैं। जस्टिस अनूप ढंढ ने आज केंद्र व राज्य सरकार को हीटवेव को लेकर विशेष एडवाइजरी जारी करने के लिए भी कहा है। बता दें राजस्थान में अब तक 58 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि, राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग इनकार करता रहा है। राजस्थान हाईकोर्ट के इस निर्णय को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि, राजस्थान की भाजपा सरकार अलर्ट नहीं “ऑटो मोड” पर है, तभी तो कोर्ट को स्वप्रसंज्ञान लेकर आदेश देने पड़ रहे हैं। भीषण गर्मी और हीट वेव के प्रकोप से करीब 100 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है, भाजपा सरकार लू से बचाव एवं बिजली-पानी की पर्याप्त आपूर्ति प्रबंधन में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने आगे कहा कि, सरकार की लापरवाही के बाद अब हाईकोर्ट ने स्वप्रसंज्ञान लेकर सरकार को विशेष एडवाइजरी जारी करने एवं मृतकों के परिवार को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। लू से बचाव एवं राहत के लिए कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार से उचित इंतजाम करने और मृतकों के परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रही है। लेकिन भाजपा सरकार लू से हुई मौतों के मामले में पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रही है। बता दें तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान में गर्मी-हीटवेव से अब तक 61 लोगों की जान चली गई है लेकिन सरकार ने आधिकारिक तौर पर एक भी मौत की पुष्टि नहीं की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीते 24 घंटे में अलवर, टोंक, जयपुर में 1 और सीकर में 2 मौत हुई है।