उपराष्ट्रपति धनखड़ न सिर्फ झुंझुनूं में अपने पैतृक गांव पहुंचे। बल्कि उन्होंने चूरू, सीकर और जयपुर सहित चार जिले एक ही दिन में कवर किए। भले ही यह उनका व्यक्तिगत दौरा रहा हो, लेकिन यह शेखावाटी में भाजपा के लिए सियासी मजबूती का संदेश दे गया। शेखावाटी से उनका इमोशनल कनेक्ट है। भाजपा के लिहाज से धनखड़ का दौरा इसलिए भी अहम रहा क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में शेखावाटी के 3 जिलाें की 21 सीटाें में से भाजपा काे सिर्फ 3 सीटें मिली थी। इस बार भी भाजपा का ज्यादा फोकस उन सीटों पर है, जिन्हें पिछली बार वह हार गई थी। पार्टी ने इसकी तैयारी चुनाव से एक साल पहले ही शुरू कर दी है। खास बात है कि धनखड़ जयपुर में भी बीसीआर के कार्यक्रम में पहुंचे।
व्यक्तिगत दौरे की सियासी मंजिलें
1 – समाज काे भी साधा धनखड़ जाट समाज से अाते हैं। इस समाज का शेखावाटी के अलावा प्रदेश की 75 से ज्यादा सीटों पर प्रभाव है। किसान आंदोलन की नाराजगी और जाट समुदाय को साधने के लिए धनखड़ को उपराष्ट्रपति के लिए भाजपा ने चुना।
2 – किसानों पर फोकस धनखड़ का समाज बड़ा किसान वर्ग भी है। कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही पार्टियां शेखावाटी का राजनीतिक महत्व समझती हैं। भाजपा के सतीश पूनियां चूरू के हैं। वही, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सीकर की लक्ष्मणगढ़ सीट से विधायक हैं। किसान वर्ग बड़ा वोट बैंक है।
3- वकीलों का सहारा धनखड़ वकील रहे हैं। जयपुर में बीसीआर के सम्मान कार्यक्रम में कहा- जब राज्यपाल का कार्यकाल पूरा होेने वाला था, तब मैंने पत्नी से कहा- दोबारा वकालत में लौटूंगा। पत्नी ने कहा- ऐसा कभी नहीं होगा।उसके बाद एनडीए ने मुझे उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया।
जोधपुर में आज से भाजपा ओबीसी मोर्चे की बैठक, फिर बूथ सम्मेलन
धनखड़ के दौरे के बीच भाजपा के राष्ट्रीय ओबीसी माेर्चे के करीब 40 पदाधिकारी गुरुवार को जोधपुर पहुंच गए। नेतृत्व भाजपा नेता के. लक्ष्मण कर रहे हैं। ये राष्ट्रीय पदाधिकारी जाेधपुर में अलग-अलग मंडलाें में कैंप कर रहे हैं। अब 9 और 10 सितंबर तक जाेधपुर में ही रहेंगे। समापन कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आएंगे। वे जाेधपुर संभाग के बूथ सम्मेलन में भी भाग लेंगे। इस तरह से शाह यहां की 43 सीटाें के 7 हजार बूथाें पर पार्टी की मजबूती का आधार रखेंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में जोधपुर, नागौर, बाड़मेर व जैसलमेर की 29 सीटों में से भाजपा को 5 मिली थी।
वहीं गोडवाड़ की 14 सीटों में से 11 सीटे मिली थीं। इसलिए पूर्वी राजस्थान और मेवाड़ के बाद अब भाजपा का मारवाड़ में बड़ा कार्यक्रम करने जा रही है।यह पूरा ही क्षेत्र ओबीसी के दबदबे वाला भी है। इस लिहाज से भी भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है।