हर साल की तरह इस बार भी जयपुर में लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज हो गया। बता दें कि आज जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीयाकुमारी ने किया। उन्होंने कहा कि आज जेएलएफ ने देश ही नहीं विदेश में भी अपनी पहचान बना ली है। बता दें जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में होने वाले जेएलएफ में 5 दिन तक देश-विदेश की बड़ी हस्तियां शिरकत करेंगी। ये फेस्टिवल 1 फरवरी से 5 फरवरी 2024 तक चलेगा।
उपमुख्यमंत्री दीयाकुमारी ने किया उद्घाटन
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का उद्घाटन करने के दौरान दीया कुमारी ने कहा कि आज जेएलएफ ने देश ही नहीं विदेश में भी अपनी पहचान बना ली है। राजस्थान और खासकर जयपुर के टूरिज्म को निश्चित रूप से इस फेस्टिवल से बूम मिलेगा। इस दौरान आज पेश होने वाले बजट पर दीयाकुमारी ने कहा कि भाजपा सरकार हमेशा से ही आम जनता के हितों का ख्याल रखती है। ऐसे में इस बजट से भी देश के हर वर्ग को राहत महसूस होगी।
पहले दिन गुलजार ने बांधा समां
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पहले सेशन ‘BAAL-O-PAR: THE BEATING HEART OF POETRY’ में बॉलीवुड के महान गीतकार गुलजार अपनी आवाज में गीत, गजल सुनाई। इस दौरान गुलजार को सुनने बड़ी संख्या में फैन्स पहुंचे। गुलजार के साथ जानी-मानी उर्दू की कलमकार रक्षंदा जलील भी उपस्थित रहीं। गौरतलब है कि इस मौके पर जेएलएफ के फाउंडर नमिता गोखले, विलियम डेलरिम्पल और संजोय के रॉय ने उद्घाटन सत्र को सम्बोधित किया। तीनों ने 17 साल के इस सफर के बारे में जानकारी दी।
बता दें कि फेस्टिवल के 17वें एडिशन के साथ दुनियाभर के लेखकों की जमात जयपुर में जुट चुकी है। एक नहीं, कई भाषाओं की किताबों और उनके लेखकों से मिलने का यह एक बड़ा मौका है। साहित्य में भी लेखन ही नहीं, फिल्म, संगीत, नृत्य की कलाओं को भी इसमें शामिल किया गया है।
इस बार ये बड़े चेहरे कर रहे हैं शिरकत
हर साल की तरह जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में इस साल भी देश दुनिया के तमाम सेलेब्रिटीज से लेकर कवि, लेखक, खिलाड़ी, कलाकार शामिल होंगे जिनमें पूर्व इंडियन क्रिकेटर, अजय जडेजा, लेखक अमीश त्रिपाठी, लेखक और गीतकार गुलजार, अमिताभ कांत सहित जयपुर लिटरेचर में देश-दुनिया के 550 से अधिक लेखक, वक्ता और कलाकार हिस्सा लेंगे।
इसमें 16 भारतीय और 8 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं पर बातचीत होगी. जिसमें भारतीय भाषाओं में असमी, अवधी, बंगाली, हिन्दी, कन्नड़, कश्मीरी, कुरुख, मलयालम, उड़िया, पंजाबी, राजस्थानी, संस्कृत, तमिल, तोड़ा, उर्दू और बंजारा भाषा- लामानी (लम्बाडा) के नाम शामिल हैं।