Jhunjhunu :राजस्थान के झुंझुनूं में सेठ मोतीलाल कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राकेश झाझड़िया अपने एक साथी संजीव के साथ केहरपुरा से भड़ौंदा खुर्द की ओर आ रहा था, वह ज्यों ही सड़क पर आया, तो सामने खड़ी एक कैंपर गाड़ी ने अचानक लाइट जलाई और राकेश की गाड़ी को टक्कर मारी. हमले को भांपकर राकेश झाझड़िया ने अपनी गाड़ी को पीछे दौड़ाना चाहा, लेकिन पहले से ही पीछे खड़ी एक और कैंपर ने भी राकेश की गाड़ी को पीछे से टक्कर मारी.
दोनों तरफ से घिरे राकेश झाझड़िया को हमलावरों ने घेर लिया और गाड़ी से उतारकर सरियों से बुरी तरह मारपीट की. वहीं झाझड़िया के साथ गाड़ी में मौजूद संजीव के साथ भी मारपीट की और मोबाइल छीन लिया. बुरी तरह मारपीट करने के बाद हमलावर राकेश को अधमरी अवस्था में छोड़कर चले गए. संजीव ने राकेश के पिता को फोन किया और गाड़ी बुलवाई.गाड़ी से राकेश को झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल लाया गया. जहां पर इलाज के दरमियान उसकी मौत हो गई. पुलिस ने शव को बीडीके अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट कर लिया है. जिसका शनिवार सुबह पोस्टमार्टम किया जाएगा. घटना की सूचना मिलने पर ग्रामीण डीएसपी रोहिताश्व देवंता और बगड़ एसएचओ श्रवण कुमार पहुंचे. इधर, घटना की सूचना मिलने पर एसएफआई जिलाध्यक्ष पंकज गुर्जर, पूर्व सरपंच संजीव तोगड़ा कलां और सरपंच प्रतिनिधि अजीत भांबू समेत अन्य छात्रनेता पहुंचे. जिन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने तक शव नहीं लेने की बात कही है. इधर, ग्रामीण डीएसपी ने बताया कि संदिग्धों की तलाश में टीमें रवाना कर दी गई है.
पहले चेताया था, पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की
एसएफआई जिलाध्यक्ष पंकज गुर्जर समेत अन्य छात्रनेताओं ने बताया कि छात्रसंघ चुनावों से लगातार उन्हें धमकियां मिल रही थी. छात्रसंघ चुनावों के दौरान भी कॉलेज कैंपस में हिस्ट्रीशीटर खुले आम घूम रहे थे. जिनकी जानकारी पुलिस को दी गई. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने बताया कि शहर में स्थित लाल कोठी में बदमाशों का जमावड़ा रहता है. लेकिन पुलिस वहां पर कोई करने की हिम्मत नहीं करती. जिसके कारण छात्रों में भय का माहौल है।पूर्व सरपंच संजीव तोगड़ा कलां और राकेश झाझड़िया के साथी संजीव ने बताया कि हमला करने वालों में कोतवाली थाने के हिस्ट्रीशीटर देशबंधु, विश्वबंधु, गब्बर, मोरारका कॉलेज छात्रसंघ चुनावों में अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी सचिन सोहू, मंजीत झाझड़िया, दिनेश मालसरिया, प्रदीप मंगावा, रवि बलौदा, राजू फौजी नरसिंहपुरा आदि प्रमुख थे.