कोटा के दो गौशालाओं में 10 दिन में ठंड से 184 से भी ज्यादा गायों की मौत हो गई है. अभी तक गौशालाओं में गायों को ठंड से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. मौत के लिए प्रशासन और कर्मचारी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. जिम्मेदारी लेने से हर कर्मचारी बच रहा है. कर्मचारियों का कहना है कि हमने नगर निगम कमिश्नर को इस बारे में अवगत करवाया था लेकिन वह नहीं आई. नगर निगम कमिश्नर 10 दिन बाद जब गुरुवार को गौशाला पहुंची तो उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने हमें इस बारे में नहीं बताया. नगर निगम कमिश्नर ने कहा कि सर्दी ज्यादा थी हमारी कोई गलती नहीं हमारी तरफ से सारी व्यवस्थाएं थी
इस पर कमिश्नर ने कहा की व्यवस्थाएं तो सभी प्रकार की है. सर्दी ज्यादा होने के कारण गायें मर गई. पहले भी नगर निगम के महापौर आकर गए हैं, निगम की ओर से व्यवस्थाएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि गौशाला में अब जो भी कमियां हैं कल पूर्ति करवा देंगे. तापमान का इश्यू था, सर्दी ज्यादा थी इसीलिए गायें मरी है.
नगर निगम कमिश्नर से जब यह सवाल पूछा गया की डेढ़ साल से गौशाला में डॉक्टर ही नहीं है तो कमिश्नर ने यह कहते हुए बात को टाल दिया कि कंपाउंडर लगाए हुए हैं. हम डॉक्टर भी अब लगा देंगे. कमिश्नर से जब टीन सेट को लेकर सवाल पूछा गया की ठंड शुरू होने से पहले टिन सेट क्यों नहीं लगवाए गए, इस पर कमिश्नर ने सवाल को टाल दिया और कहा कि हम लगवा रहे हैं. कोटा संभाग के सबसे बड़े गौशाला बंधा धर्मपुरा में ठंड से 10 दिन में 184 गायों की मौत हो गई. 10 दिनों से गाय तड़प तड़प कर मर रही है, गौशाला में मौजूद 2600 गाय अभी भी बर्फीली सर्दी में खुले में रह रही है. गायों की मौत के आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है.