जयपुर नगर निगम हैरिटेज में आज हवन के दौरान हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। जहां जनसमस्याओं को लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे शहर भाजपा के कार्यकर्ता और लंपी वायरस को खत्म करने के लिए यज्ञ करने पहुंचे कांग्रेस के पार्षद आमने-सामने हो गए। वहीं, दूसरी तरफ मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा कि लंपी का कहर कम होने तक वो चूते चप्पल नहीं पहनेंगी।भाजपा कार्यकर्ताओं प्रदर्शन करने को रोकने के लिए हैरिटेज के गेट बंद कर दिए गए। कार्यकर्ता दूसरे रास्तों से एंट्री कर गए। हवन स्थल के पास प्रदर्शन करने बैठ गए। इस बीच मेयर मुनेश गुर्जर जब हवन स्थल पर पहुंची। लंपी वायरस को खत्म करने के लिए हवन में जैसे ही आहुति डालने लगी तो विरोध शुरू हो गया। इससे गुस्साएं पंडित ने भी बीच में ही हवन बंद कर दिया।
हालांकि इस बीच मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा कि जो प्रण उन्होंने लिया कि वह कायम रहेगा और वे तब तक पैरों में चप्पल-जूते नहीं पहनेंगी। जब तक प्रदेश में लंपी वायरस के कहर कम नहीं हो जाता। मेयर ने कहा कि वे पैरों में चप्पल-जूतों ही नहीं बल्कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में स्वागत सत्कार के दौरान पहनाई जाने वाली माला भी नहीं पहनेगी।आपको बता दें कि मेयर ने आज प्रदेश में लंपी वायरस के कहर को कम करने के लिए नगर निगम हैरिटेज मुख्यालय पर यज्ञ का आयोजन रखा था, जिसमें सभी पार्षदों और अधिकारियों को शामिल होने के निर्देश दिए थे। लेकिन हवन शुरू होने से पहले ही वहां शहर भाजपा के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन शुरू हो गया।इधर मेयर के नगर निगम मुख्यालय पहुंचते ही भाजपा पार्षदों और कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। मेयर के पहुंचने से पहले भाजपा के कार्यकर्ता भी हवन के चारो ओर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। हालांकि बाद में भाजपा कार्यकर्ताओं ने मेयर ने दोनों ने मिलकर हवन में आहुतियां दी। हालांकि इस बीच जब शोरगुल और नारेबाजी बंद नहीं हुई तो पंडित ने हवन सामाग्री फेंक दी और हवन को बीच में ही बंद की दिया।
50 हजार से ज्यादा गाय की मौत
राजस्थान में अब तक इस वायरस के कहर से 11.34 लाख गाय चपेट में आ चुकी है, जिनमें से 50 हजार 366 दम तोड़ चुकी है। ये तो सरकारी आंकड़ा है, जबकि वास्तविकता में इससे कहीं ज्यादा गाय इस वायरस की चपेट में आकर मर चुकी है। अभी तक इस वायरस का प्रकोप पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, नागौर समेत अन्य जिलों में था, लेकिन अब ये वायरस धीरे-धीरे पूर्वी राजस्थान में पैर पसारते जा रहा है। जयपुर में बड़ी संख्या में गाय अब इसकी चपेट में आने लगी है।