राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा, ये जानने के लिए अभी और इंतजार करना होगा, क्योंकि आज भी विधायक दल की बैठक नहीं होगी. चुनाव परिणाम सामने आने के 9 दिन बाद भी भारतीय जनता पार्टी अभी तक मुख्यमंत्री के नाम लेकर कोई फैसला नहीं कर पाई है. जबकि रविवार को छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर दिया गया. विष्णुदेव साय को राज्य की कमान सौंपी गई है. वहीं, मध्यप्रदेश प्रदेश में आज विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम का एलान हो जाएगा, लेकिन राजस्थान में अभी तक यही तय नहीं है कि विधायक दल की बैठक कब होगी. हालांकि, संभावना जताई जा रही है कि अब यह बैठक मंगलवार को होगी. अभी तारीख ही तय नहीं : राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़, तीनों राज्यों में शुक्रवार को पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी गई. राजस्थान का जिम्मा जिसमें केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को दी गई है. बताया जा रहा था कि रविवार को विधायकों के साथ पर्यवेक्षकों की बैठक होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पर्यवेक्षक अभी तक राजस्थान ही नहीं आए हैं. ताया जा रहा है कि सोमवार और मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लखनऊ में रहेंगी. ऐसे में लखनऊ के सांसद होने के नाते राजनाथ सिंह की मौजूदगी राष्ट्रपति के कार्यक्रम में भी प्रस्तावित है. इसीलिए अभी तक पर्यवेक्षकों के आने और विधायक दल की बैठक का समय और तारीख दोनों तय नहीं हो पा रही है. अगर राष्ट्रपति के दौरे के कारण राजनाथ सिंह के आने में देरी होती है तो फिर ये बैठक बुधवार तक भी टल सकती है. हालांकि, पार्टी सूत्रों की मानें तो अब राजस्थान को लेकर पार्टी आलाकमान ज्यादा देरी नहीं करना चाहेगा, क्योंकि कांग्रेस इसे जबरन मुद्दा बना कर बयानबाजी कर रही है. वहीं, दूसरी ओर रविवार शाम को बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सुरक्षा-व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई थी. डॉग स्क्वायड की टीम भी पहुंची थीवहीं, दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सिविल लाइन स्थित 13 नम्बर बंगले पर रविवार से ही हलचल तेज है. बड़ी संख्या में विधायकों और अन्य नेताओं का आने का सिलसिला जारी है. रविवार सुबह दिल्ली से लौटकर राजे जयपुर स्थित अपने आवास पर पहुंचीं. उनके आने के साथ एक बार फिर विधायक उनसे मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंचे. जिसमें नवनिर्वाचित विधायक अंशुमान सिंह भाटी, अजय सिंह किलक, बहादुर सिंह कोली, बाबू सिंह राठौड़, अर्जुन लाल गर्ग, संजीव बेनीवाल, कालीचरण सराफ, जगत सिंह भी पहुंचे. इसके अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने भी वसुंधरा राजे से मुलाकात की. वसुंधरा राजे के दिल्ली से लौटने के बाद और विधायक दल की बैठक से पहले विधायकों का राजे का आवास पर इस तरह के जमावड़े को राजनीतिक लिहाज से अहम माना जा रहा है.