Rajasthan के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। पायलट ने एआईसीसी जाकर दोनों नेताओं से मुलाकात कर बैठक की। सियासी गलियारों में पायलट के दिल्ली दौरे और उनकी इस मुलाकात को लेकर चर्चा है। माना जा रहा है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवास को लेकर सचिन ने खड़गे और वेणुगोपाल से मुलाकात की है। राजस्थान के सियासी घटनाक्रम के बाद हिमाचल प्रदेश में चुनाव कर रहे सचिन पायलट की दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। पायलट की इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। राजस्थान में इस मुलाकात को नेतृत्व परिवर्तन के मसले से भी जोड़कर देखा जा रहा है।राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने लंबे समय से प्रदेश के सियासी घटनाक्रम को लेकर चुप्पी साध रखी है। हालांकि पायलट इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते रहते हैं। राजस्थान में गहलोत के मंत्रियों और नेताओं द्वारा सियासी घटनाक्रम को लेकर बयानबाजी चलती रहती है। पिछले दिनों केसी वेणुगोपाल की चेतावनी के बावजूद प्रदेश के नेता बयानबाजी से बाज नहीं आते। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अगले बजट की तैयारियों में जुट गए हैं। सचिन पायलट की एआईसीसी में हुई बैठक में भारत जोड़ो यात्रा के प्रभारी दिग्विजय सिंह भी मौजूद रहे। अगले महीने भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में हाड़ौती के रास्ते से प्रवेश करेगी।राजस्थान में 25 सितंबर को गहलोत समर्थक विधायकों ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर समानांतर बैठक की थी। इसके बाद गहलोत समर्थक तीन नेताओं मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को अनुशासनहीनता को लेकर नोटिस दिया गया था। तीनों नेताओं ने इसका जवाब भी पार्टी हाईकमान को दे दिया है। अब पार्टी हाईकमान के एक्शन का इंतजार किया जा रहा है। पिछले दिनों जयपुर में एक निजी समारोह में शामिल हुए। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था कि फैसला लिखा जा चुका है। सुनाया जाना बाकी है। आचार्य प्रमोद प्रियंका गांधी के करीबी नेता माने जाते है। वहीं गहलोत सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा भी लगातार अशोक गहलोत को निशाने पर ले रहे हैं। मंत्री राजेंद्र गुढ़ा गाहे-बगाहे राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की बात करते हैं।