Rajasthan के सियासी घटनाक्रम पर सचिन पायलट ने लंबे समय बाद पहली बार चुप्पी तोड़ी है। पायलट ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष बना। तब मैंने संघर्ष किया। इसलिए हम सत्ता में आए हैं। कांग्रेस के बेस पर ही सत्ता में आए हैं। मैं जब प्रदेश अध्यक्ष था। मैंने और कार्यकर्ताओं ने कडा संघर्ष किया। हाडोती में किसान और गरीबों के लिए संघर्ष हम सब लोगों ने किया है। हम सब का सामूहिक दायित्व है कि जो हमारे वर्कर हैं। कार्यकर्ता है। किसानों नौजवानों की उम्मीद पर खरा उतरे। हम मिलकर काम कर रहे हैं। हम सबका ध्येय है। 2023 में विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बने। सचिन पायलट सोमवार को हाडोती दौरे पर थे। इस दौरान कोटा में मीडिया से बात करते हुए सचिन पायलट ने इशारों-इशारों में सीएम गहलोत पर भी निशाना साधा है। राजस्थान की सियासी संकट को लेकर सचिन पायलट अब तक चुप्पी साधे हुए थे। लेकिन पायलट ने सोमवार को इशारों में कह दिया कि 2018 में सत्ता मेरे कांग्रेस अध्यक्ष रहने के दौरान ही मिली थी। संघर्ष के दम पर कांग्रेस की सरकार बनी। बता दो 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान सचिन पायलट के हाथ में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान थी। पायलट ने संकेत दिया है कि उनके दम पर ही सत्ता मिली है। राजस्थान में सीएम पद की खींचतान के बाद सचिन पायलट का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है। हालांकि सचिन पायलट ने किसी का नाम नहीं लिया। लेकिन माना जा रहा है कि इशारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ ही था। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि उनकी सरकार पूरे 5 साल चलेगी मतलब साफ है। गहलोत सीएम की कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। पिछले दिनों गहलोत समर्थक विधायकों ने कांग्रेस की विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। विधायक दल की बैठक में राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन के आसार थे। इसी के चलते घरों समर्थक मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया। विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। जयपुर मैं रविवार को एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राजस्थान में कोई लड़ाई नहीं है। गोदी मीडिया झगड़े वाली खबर चलाता है। विधानसभा चुनाव में हम सब मिलकर काम करेंगे।