राजस्थान में सभी 25 लोकसभा सीटों (Rajasthan loksabha election 2024) पर मतदान संपन्न हो चुका है. इनमें से 6 सीटें ऐसी हैं जिन पर अगर कांग्रेस जीतती है तो इससे सचिन पायलट (congress leader sachin pilot) का कद बढ़ जाएगा. क्योंकि ये वो सीटें हैं जिन पर सचिन पायलट का प्रभाव है और ये सीधे-सीधे उनकी साख से जुड़ी हुई है.
दरअसल, टोंक-सवाई माधोपुर, दौसा, भरतपुर, करौली-धौलपुर, जयपुर ग्रामीण और जोधपुर सीट से सीधे-सीधे सचिन पायलट की साख जुड़ी हुई है. इन सीटों पर अगर कांग्रेस पार्टी विजय प्राप्त करती है तो सचिन पायलट का दखल दिल्ली की राजनीति में भी बढ़ सकता है.
टोंक-सवाई माधोपुर: इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर हरीश मीणा चुनावी मैदान में हैं. सचिन पायलट खुद टोंक से विधायक हैं. ऐसे में टोंक-सवाई माधोपुर सीट से हरीश मीणा को जितवाना उनकी जिम्मेदारी मानी जा रही है. सचिन पायलट ने कई जगह जाकर हरीश मीणा के लिए वोट मांगे हैं. ऐसे में अगर कांग्रेस यह सीट जीतती है तो इसका सीधा श्रेय सचिन पायलट को दिया जाएगा.
दौसा: दौसा लोकसभा क्षेत्र पायलट परिवार की कर्मभूमि रहा है. सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट यहीं से सांसद रहे थे. इस सीट से चुनाव लड़ने वाले मुरारीलाल मीणा अगर चुनाव जीतते हैं तो इससे सचिन पायलट की साख पर फर्क पड़ेगा.
भरतपुर: भरतपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने युवा-महिला चेहरे के रूप में संजना जाटव को मैदान में उतारा है. माना जा रहा है कि उन्हें टिकट दिलवाने में सचिन पायलट की अहम भूमिका रही है. ऐसे में अगर यह सीट कांग्रेस के खाते में जाती है तो सचिन पायलट के सियासी कद में इजाफा हो सकता है.
करौली-धौलपुर: यह सीट गुर्जर मतदाताओं के बाहुल्य वाली है. यहां से कांग्रेस के टिकट पर भजनलाल जाटव चुनावी मैदान में हैं जो सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं. इस सीट के परिणाम से भी सचिन पायलट की साख सीधे तौर पर जुड़ी हुई है.
जयपुर ग्रामीण: जयपुर ग्रामीण सीट से कांग्रेस ने युवा चेहरे अनिल चोपड़ा पर दांव खेला है. अनिल चोपड़ा सचिन पायलट के करीबी हैं और उन्हें टिकट दिलवाने में भी उनका रोल रहा है. अनिल चोपड़ा के लिए कई रैलियां करके सचिन पायलट ने चुनावी प्रचार में काफी मेहनत की है. इस सीट पर भी बीजेपी और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है.
जोधपुर: अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर से कांग्रेस ने इस बार करण सिंह उचियारड़ा को टिकट दिया है. करण सिंह ने बीजेपी के गजेंद्र सिंह शेखावत को कड़ी टक्कर दी है. करण सिंह उचियारड़ा पायलट के करीबी हैं. ऐसे में यह सीट अगर कांग्रेस जीतती है तो इसका भी श्रेय सचिन पायलट को दिया जाएगा.