नई दिल्ली. देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं सहित 200 से अधिक जनहित याचिकाओं (PIL) पर सुनवाई टाल दी गई है. अब इन मामलों पर अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी. ये सभी याचिकाएं सीजेआई (CJI) जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस रविन्द्र भट्ट की बेंच के समक्ष लिस्टेड हैं.प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज सीएए की वैधता को चुनौती देने वाली इन सभी 200 याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 19 सितंबर की तारीख मुकर्रर की गई हैं. वहीं ये सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर भी अपलोड की गई थीं. इनमें सीएए के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) की प्रमुख याचिका भी शामिल है.
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट में कुछ सालों से लंबित कई जनहित याचिकाओं पर भी आज सुनवाई होनी थी. लेकिन प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज इन सभी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई 19 सितंबर को करने का आदेश दिया है. इसमें एक संगठन ह्यवी द वूमन आफ इंडिया द्वारा दायर याचिका भी शामिल है.सीएए के तहत 31 दिसंबर 2014 को या फिर उससे पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए शीर्ष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को संबंधित याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था.