कांग्रेस में एक व्यक्ति के दो पद पर रहने के कई उदाहरण हैं। केंद्र में पीवी नरसिम्हा राव पीएम के साथ पार्टी अध्यक्ष रहे। इंदिरा गांधी व राजीव गांधी भी पीएम के साथ पार्टी अध्यक्ष रहे। प्रदेश में मौजूदा गहलोत सरकार में सचिन पायलट दिसंबर 2018 से जुलाई 2020 तक डिप्टी सीएम के साथ प्रदेश अध्यक्ष रहे। गोविंद सिंह डोटासरा शिक्षा मंत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष रहे।सीएम भी रहना कैसे संभव होगा: 1998 से 2003 के बीच सरकार थी तब गहलोत ने कोई विभाग नहीं रखा था। सिर्फ मॉनिटरिंग करते थे। अब राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, पूरा समय नहीं दे पाए तो भी मॉनिटरिंग करते रहेंगे।
24 साल बाद गैर गांधी की वापसी?
जिन्होंने पद छोड़ा, उनका रुतबा अब तक बरकरार: गत वर्ष पंजाब का प्रभारी बनने के बाद हरीश चौधरी ने ‘एक व्यक्ति-एक पद’ का मसला उठाया। नवंबर में मंत्रिमंडल फेरबदल से पहले चौधरी ने राजस्व मंत्री, गुजरात प्रभारी रघु शर्मा ने स्वास्थ्य मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने शिक्षा मंत्री पद छोड़ा। तीनों की वाई श्रेणी सुरक्षा व मंत्रियों वाले बंगले अब तक मिले हुए हैं।जी-23 से रिश्ते: जी-23 में शामिल रहे अधिकांश नेता पुराने एवं अनुभवी हैं। उनका विरोध सिर्फ राहुल गांधी को लेकर है। इन नेताओं से गहलोत के रिश्ते अच्छे नहीं तो कभी खराब भी नहीं रहे। ऐसे में चुनाव के बाद पार्टी एकजुट और नए कलेवर में दिख सकती है। पार्टी की छवि भी सुधरेगी।
राहुल अध्यक्ष बनें: पायलट
सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए। गहलोत सीनियर नेता हैं, वे कई दशकों से काम कर रहे हैं। पार्टी जो भी भूमिका दे, उसे निभाऊंगा।