उत्तराखंड में भारी बारिश और लैंडस्लाइड के बाद केदारनाथ यात्रा दो दिन के लिए रोक दी गई है। राज्य में 48 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट है। इसके चलते NDRF की 12 और SDRF की 60 टीमें तैनात की गई हैं।बारिश के कारण हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग और नैनीताल में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि केदारनाथ में बादल फटने से पैदल रूट पर लिनचोली और भीमबली के पास 2000 से ज्यादा लोग फंसे हैं। इन्हें निकालने के लिए 5 हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं।केदारनाथ रूट में फंसे यात्रियों को बचाने के लिए SDRF तैनात की गई है। मुनकटिया से 450 लोगों को सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया गया। बाकी लोगों का रेस्क्यू चिनूक और MI-17 हेलिकॉप्टर से हो रहा है।मौसम विभाग ने शुक्रवार (2 अगस्त) को 24 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मध्य प्रदेश के 11 जिलों में भी आज भारी बारिश का अलर्ट है, जो अगले 4 दिन तक रहेगा।
उत्तराखंड: राहत और बचाव में लगीं 72 टीमें
रुद्रप्रयाग के आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके राजवार के मुताबिक गौरीकुंड से शुरू होने वाला 16 किलोमीटर लंबा केदारनाथ ट्रैक घोड़ा पड़ाव, लिनचोली, बड़ी लिनचोली और भीमबली में क्षतिग्रस्त हो गया है। रामबाड़ा के पास दो पुल भी कल रात बह गए। राज्य सरकार ने केदारनाथ में फंसे लोगों को निकालने के लिए वायुसेना की मदद ली है। NDRF, INS की 12 टीमें और SDRF की 60 टीमें बचाव में लगी हुई हैं।
हिमाचल में एक दिन में 5 जगह बादल फटे, 48 लोग लापता, मलबे में मिल रहे शव
1 अगस्त को हिमाचल प्रदेश में 5 जगह बादल फटने से 53 लोग लापता हो गए। इनमें से 5 के शव बरामद कर दिए गए, जबकि 48 लोग अभी भी लापता हैं। उनकी तलाश में NDRF, SDRF, पुलिस और होम गार्ड जवान सर्च ऑपरेशन चलाए हुए हैं। शिमला के समेज में रेस्क्यू दल को अब तक कामयाबी नहीं मिल पाई। यहां लापता 36 लोगों में से एक का भी अब तक सुराग नहीं लग पाया। एक व्यक्ति के शरीर के कुछ अंग जरूर मिले हैं।